Monday, August 15, 2016

तराना- ए- हिन्द


तराना- ए- हिन्द 


सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा
हम बुलबुलें हैं उसकी ये गुलसिताँ हमारा
ग़ुरबत में हों अगर हम रहता है दिल वतन में
समझो वहीं हमें भी दिल हो जहाँ हमारा
पर्बत वो सब से ऊँचा हमसाया आसमाँ का
वो सन्तरी हमारा वो पासबाँ हमारा
गोदी में खेलती हैं जिसकी हज़ारों नदियाँ
गुलशन है जिस के दम से रश्क-ए-जिनाँ हमारा
ऐ आब-ए-रूद-ए-गंगा, वो दिन है याद तुझ को
उतरा तेरे किनारे जब कारवाँ हमारा
मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
हिन्दी हैं हम, वतन है हिन्दोस्ताँ हमारा
यूनान-ओ-मिस्र-ओ-रोमा सब मिट गये जहाँ से
अब तक मगर है बाक़ी नाम-ओ-निशाँ हमारा
कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी
सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-ज़माँ हमारा
‘इक़बाल’ कोई महरम अपना नहीं जहाँ में
मालूम क्या किसी को दर्द-ए-निहाँ हमारा
                                  ------ अल्लामा इकबाल 

Tuesday, February 2, 2016

CBSE DATE SHEET 2016

CBSE DATE SHEET 2016

 

Countdown has begun! The Central Board of Secondary Education (CBSE) has released the timetable for class X (SA-II) and XII board examinations to be held in the months March & April 2016. The examination will commence promptly at 10:30 AM.

 
 
 

 

"Your time is limited, don't waste it living someone else's life. Don't be trapped by dogma, which is living the result of other people's thinking."

 
 
 

 

Tuesday, January 26, 2016

गणतंत्र दिवस- समारोह नवोदय विद्यालय आजमगढ़

गणतंत्र दिवस की एक और वर्षगांठ 

गली गली में बजते देखे आज़ादी के गीत रे |
जगह जगह झंडे फहराते यही पर्व की रीत रे ||
सभी मनाते पर्व देश का आज़ादी की वर्षगांठ है |
वक्त है बीता धीरे धीरे साल एक और साठ है ||
बहे पवन परचम फहराता याद जिलाता जीत रे |
गली गली में बजते देखे आज़ादी के गीत रे |
जगह जगह झंडे फहराते यही पर्व की रीत रे ||
जनता सोचे किंतु आज भी क्या वाकई आजाद हैं |
भूले मानस को दिलवाते नेता इसकी याद हैं || 

मंहगाई की मारी जनता भूल गई ये जीत रे |
गली गली में बजते देखे आज़ादी के गीत रे |
जगह जगह झंडे फहराते यही पर्व की रीत रे ||
हमने पाई थी आज़ादी लौट गए अँगरेज़ हैं |
किंतु पीडा बंटवारे की दिल में अब भी तेज़ है ||
भाई हमारा हुआ पड़ोसी भूले सारी प्रीत रे |
गली गली में बजते देखे आज़ादी के गीत रे |
जगह जगह झंडे फहराते यही पर्व की रीत रे ||


Sunday, November 1, 2015

फ़िर नवोदय की अभिलाषा

                             ॥ फ़िर नवोदय की अभिलाषा ॥
एक कलर की ड्रेस में हम लगते थे कितने अच्छे,
 नवोदय पिन्जरा लगता था और कैदी लगते थे बच्चें।
कॉलेज एक सपना था और आज़ादी कि थी आशा,
सात साल बीत जाए और कब बीते ये हताशा।
रोना-धोना, हँसना-गाना सब होता था बारी-बारी,
तब भी यारो की यारी पर सब जाते थे वारी-वारी।
 “हम पन्छी उन्मुक्त गगन के” पड़-पड़ कर आता था रोना,
पन्छी की जगह तब खुद को रख कर ख्वाबो में खुद को खोना।
रोया करते थे छुप-छुप कर, रातों को ना सो पाते थे,
माँ की याद और दिलाता, जब कन्धे पर उसके रोते थे।
अरावली कुछ हठ कर था,
नीलगिरी था आग्याकारी ।
शिवालीक था मस्तमौला और
उदयगिरी क्रान्तिकारी ॥
कोसा करते थे किस्मत को नवोदय की किसी चौखट पर,
आज हमे हैं फ़क्र बहुत किस्मत के उस तोहफ़े पर।
झगड़ा करते थे जिनसे तब किसी के लाख मनाने पे,
आज उन्ही को ढूँढा करते फेसबुक की ऑनलाइन दुनिया पे।
आज भले हम “उन्मुक्त गगन” में चाहे कितना ऊँचा उड़ लेते हैं,
फ़िर भी हम कई बार हमेशा यादों में “कनक तीलियों” की खोते हैं।
 शायद जीवन के वो स्वर्णिम पल थे जो हमने वहाँ बिताए थे,
 जब नवोदय की दुनिया में हमने अपने निशान बनाए थे।
क्या पता था कुछ सालों बाद उस पिन्जरे से ऐसी चाहत हो जाएगी,
 बस यादों से मन भर जाएगा और आंखे नम हो जाएगी।
एक लहु हम सब में बहता, जो रखता है नई पहचान कहीं,
चाहे किसी भी नवोदय से हो, हैं हम में एक ही बात वही।
बातों में नवोदय, ख्वाबों में नवोदय,
 जज़्बातों में नवोदय हो ।
 हम ही नवोदय... हम ही नवोदय... हम ही नवोदय हो...॥

Monday, October 19, 2015

विजय-दशमी (दशहरा)

बुराई पर अच्छाई की जीत


प्राचार्य जी ने महानवमी और दशहरे के उपलक्ष्य पर नवोदय परिवार  को शुभकामनाएं दी। विद्यालय परिवार  को बधाई संदेश देते हुए कहा कि ""यह त्योहार हमें शांति, एकता और देश के कल्याण के लिए काम करने की प्रेरणा दे""।
प्राचार्य जी ने कहा है कि दशहरा असत्य पर सत्य तथा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।""यह पवित्र त्योहार हमें शांति, एकता और देश के कल्याण के लिए काम करने तथा एकता की अपनी भावना को मजबूत करने की प्रेरणा दे।"" श्री एल बी मिश्रा जी ने अपने संदेश में कहा, ""देशवासियों को दूर्गा पूजा  के पावन अवसर पर शुभकामनाएं देता हूं। यह त्योहार बहुत श्रद्धा, उत्साह और आनंद के साथ मनाया जाता है और हमें सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करता है।"" उन्होंने कहा,""यह त्योहार प्रत्येक देशवासियों के जीवन में सदभावना, शाति और समृद्धि लाए।""
painting created by class VI navodaya Student.

हम सब में हैं राम -

 अखिल भारतीय नवोदय विद्यालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष श्री जगदीश राय जी  ने दशहरा के मौके पर नवोदय विद्यालय परिवार को दिए अपने एक संदेश में कहा, ""बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाए जाने वाले दशहरा पर्व पर मैं देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं।"" उन्होंने कहा कि दशहरा सदभावना, शांति, सहनशीलता और निरंतर प्रगति के रास्ते पर चलते रहने का संदेश देता है।



 

Thursday, October 8, 2015

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी- समारोह

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी "Kokila","sans-serif"; mso-bidi-language: HI;">- समारोह
आज के दिन नवोदय विद्यालय परिसर में पूरे दिन चहल पहल रही |
सुबह विद्यालय परिवार ने डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिवस (शिक्षक दिवस) समारोह मनाया तो वहीं शाम होते ही छात्र – छात्राएं अपने नटखट कृष्ण-कनैह्या का जन्मदिवस मानाने के लिए विभिन्न प्रकार कि झाकियों को अंतिम रूप देने में जुट गए|
हर तरफ हर्सोल्लास का माहौल था| बीच-बीच में ‘नटवरलाल की जय’..... ‘माखनचोर की जय’...... ‘मुरलीवाले की जय’..... सहित तमाम जयकारे सुनाई दे रहे थे| लड़कियों कि तरफ से जयकारा सुनते ही बालक मंडली और जोर-जोर से नारे लगाने लगती| बालक-बालिका वर्ग में तगड़ा कॉम्पीटिशन चल रहा था|
आज के दिन कई छात्र-छात्राओं ने उपवास रखा हुआ था जिसके लिए हमारे मेस सर ने अलग से व्यवस्था कर रखी थी|
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कि धूम हर तरफ मची हुई थी| शाम होते ही हमारे गुरुजन अपने परिवार के साथ झाकियां देखने एवम् पूजा में शामिल होने के लिए आये| बच्चों में गजब का उत्त्साह था|
भजन-पूजन के साथ-साथ जयकारा भी चलता रहा| कुछ छात्र-छात्राओं ने राधा-कृष्ण का रूप धारण कर के उनकी सजीव झांकी दिखाई|
घड़ी में बारह बजाते ही “भये प्रकट कृपाला दिन दयाला –कौशल्या हितकारी , हर्षित महतारी .......
बोल नटवर लाल की जय , नंदलाला की जय , बांके बिहारी की जय ........... कृष्ण-कन्हैया की जय|||||||||||| की गूंज हर तरफ से सुनाई देने लगी|
इस प्रकार से नवोदय विद्यालय परिवार –जीयनपुर –आज़मगढ़ में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई गयी, इस मौके पर पूरा विद्यालय परिवार एकत्रित हुआ|
प्रसाद वितरण के बाद सभी लोग अपने-अपने सदनों में रात्रि-विश्राम के लिए गये|